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14 साल पूरे होने को है । सरकारें आयी और गई लेकिन आज तक केन्द्र सरकार खड़ा नहीं कर पाई नोटीखड्ड पुल

शिमला जिले के बसंतपुर-किंगल रोड पर 29 जुलाई 2010 की रात को चार ट्रक जो ट्रक चालक सीमेंट की बोरियां लादकर जा रहे थे और पुल पर वाहन खड़ा करके रात के खाने के लिए रुके थे, तभी यह हादसा हुआ।जब अन्य लोग सड़क के किनारे स्थित एक ढाबे पर खाना खा रहे थे, एक ट्रक में सवार दो व्यक्ति वाहन सहित नदी में जा गिरे और उनकी टक्कर से मौत हो गई। हालाँकि, दो अन्य लोग, जो पुल पर थे, बच गए। बसंतपुर रक्षा सड़क के निर्माण और रखरखाव के लिए जिम्मेदार भारतीय सेना के दीपक प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता आईआर माथुर ने कहा था, "यह हमारे लिए आश्चर्य की बात थी कि एक साल पुराना पुल इस तरह से कैसे पलट सकता है। पुल को 70 टन भार झेलने के लिए डिज़ाइन किया गया था। माथुर ने कहा, था मामले की जांच की जा रही है कि पूरा ब्रिज स्लैब कैसे पलट गया। रिपोर्ट्स बनती गई और कार्यालय में जमा होती रही लेकिन आज तक इस पुल का एक कंकड़ तक ना उठा सके और ना ही इसकी जगह पर कोई दूसरे पुल का निर्माण किया इसकी जगह पर जो लकड़ी का पुल उपयोग में लाया जा रहा है उसे पर जाने से पूर्व लोग आज भी यमराज को याद कर लेते हैं यदि समय रहते इस पुल को दुरुस्त नहीं किया गया तो यहां पर कभी भी कोई भी हादसा पेश आ सकता है

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